रबारी समाज की गौरव "कच्छ की कोयल" गीताबेन रबारी

રબારી સમાજનો ગૌરવ "કચ્છનો કોયલ" ગીતાબેન રબારી


કચ્છની કોયલ ગીતાબેન રબારી

आज हम बात करते है गुजरात की सुपर स्टार लोकगायिका "कच्छ कीकोयल" के नाम से विख्यात गीताबेन रबारी की। 16 अप्रेल 2017 को आया "रोमा शेरमा" गाने ने यूट्यूब पर इतनी धूम मचाई अभी तक इस गाने को 36 करोड़ मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है। इस गाने की बदौलत गीता  रबारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।

गीताबेन रबारी का जीवन परिचय

ગીતાબેન રબારીનો જીવન પરિચય

Life introduction of Geetaben Rabari

Geeta Rabari

गीताबेन रबारी का जन्म 31.12.1996 में एक साधारण रबारी मालाधारी परिवार गुजरात के कच्छ क्षेत्र में तप्पर गांव में हुआ। गीताबेन का परिवार में संगीत का कभी बैकग्राउंड माहौल नही रहा है। गीता बेन की माता का नाम वेंजोबेन व पिता का नाम कानजीभाई रबारी ओर पति का नाम पृथ्वी रबारी है। गीताबेन रबारी के दो भाई थे जिनकी अकाल मौत हो गयी है। माता-पिता ने गीताबेन को लड़को जैसा प्यार दिया है उन्होंने कभी उपेक्षित नही समझा है। गीता बेन रबारी ने कक्षा पांच से ही गाना शुरू कर दिया था। अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के  कारण गीताबेन रबारी ने अपने गांव को नही त्यागा। वह अपने माता पिता के साथ आज भी तप्पर गांव रहती है। पिता पैरेलाइज है। स्कूल से गाने की शुरुआत करने वाली गीताबेन रबारी ने बताया मेरी आवाज सुरीली होने के कारण मुझे आस-पास के गांवों से गाने के ऑफर मिलते थे, शुरुआत में गाने के बदौलत थोड़ा बहुत ईनाम स्वरूप आर्थिक सहायता मिलती थी। धीरे-धीरे पहचान बढ़ी आज वह गुजरात के सुप्रसिद्ध कलाकारों के साथ लाइव स्टेज प्रोग्राम करती है। गीताबेन रबारी ने दसवीं तक पढ़ाई की है, पर अब पूरा ध्यान गाने पर ही है। मात्र 20 वर्ष की आयु में गीताबेन रबारी ने अपनी सुरीली आवाज के कारण आज अंतरास्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली है। गीता रबारी भजन, लोकगीत, संतवाणी, दायरा, नवरात्रा गरबा, गुजराती फिल्मो के सॉन्ग जैसे लाइव स्टेज प्रोग्राम करती है वो भी कच्छ रबारी परिधान में। गीता बेन रबारी के शुरुआती गाने जिसमें "रोणा शेरमा' व "एकलो रबारी" लाख ऊपर भारी दोनों गाने गुजरात के अलावा राजस्थान, हरियाणा,यूपी तक धूम मचाई जो बहुत प्रसिद्ध हुए।

Geeta Rabari Meet PM Modi
गत दिनों गीताबेन रबारी ने अपने माता-पिता के साथ संसद भवन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से औपचारिक मुलाकात की जिसमें उन्होंने बताया कि 'जब में छोटी थी तब में नरेंद्र मोदी जी से गुजरात के स्कूल में मुलाकात हुई थी मेने स्कूल में उनके सामने गाना गाया था ..तब मोदी जी ने मुझे सुना और 250 रुपये इनाम के तौर पर दिए थे, उन्होंने कहा था आपकी आवाज बहुत अच्छी है, गाने की निरन्तर अभ्यास करते रहिए। उनके प्रोत्साहन पर मैने गानों का रियाज किया आज में टॉप सिंगर हूँ। गीता रबारी बताती है कि मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना के बारे जागरूकता अभियान के तहत गांव-गांव चिट्ठियां भिजवाते थे एक दिन चिट्ठी मेरे पापा को मिली पापा अनपढ़ होने की वजह से दूसरे से पढ़वाया ओर उन्होंने  मुझे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान के तहत पढ़ाया आज अगर में पढ़ी नही होती तो शायद आज इस मुकाम पर नही पहुंच पाती।
प्रधानमंत्री जी के लिए उन्होंने एक गाना गाया।

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने ट्विटर पर गुजरात की लोक गायिका गीताबेन रबारी की फोटो सांझा करते हुए लिखा- गायन करियर में उनकी सेवाओं को स्वीकार किया और ट्वीट किया “लोकगायिका गीता रबारी हमारे समाज को प्रेरित करती है। एक विनम्र पृष्ठभूमि से संबंधित, उसने समर्पित रूप से गायन के अपने जुनून का पीछा किया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मैं युवाओं के बीच गुजराती लोक संगीत को लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयासों से बहुत प्रभावित हूं। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। ”
"गीता रबारी के गानों को ट्वीट करते हुए मोदी जी ने लिखा गीता रबारी गुजरात की एक युवा प्रतिभाशाली सिंगर हैं जिनके कार्यों ने गुजरात का पूरी दुनिया में सम्मान बढ़ाया है। मुझे याद है जब वह बच्ची थी तब मैंने उसे गाने के लिए प्रोत्साहित किया था और आज ये इस मुकाम पर हैं जिसे देखकर मुझे काफी खुशी और गर्व महसूस हो रहा है। मुझे गीता से मिलने का असवर प्राप्त हुआ।"

गीता बेन रबारी विदेशो में भी अमेरिका, लंदन, सिंगापुर जैसे देशों में स्टेज प्रोग्राम कर चुकी है। हाल ही के दिनों में गुजरात के मोटेरा स्टेडियम में "नमस्ते ट्रम्प" प्रोग्राम में गीता बेन रबारी ने "तेरी मिट्टी में मिल जावा" मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प समक्ष गायन प्रस्तुत करके दर्शकों से काफी तालियां बटोरी। गीताबेन रबारी गुजरात सिंगिंग क्षेत्र में बहुत सारे आवार्ड अपने नाम कर लिए है।
गीताबेन रबारी को गायन कला के साथ-साथ जानवरों से बहुत लगाव है, जिसमें ऊंट, भेड़, बकरी ओर उन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है। गुजराती लोकगायिका किंजल दवे और गमनभाई संथाल को अपना आदर्श मानती है। समाजसेवा में भी काफी रुचि उन्हें रही है हाल ही दिनों में चल रही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में प्रधानमंत्री कोष में राहत राशि भेंट की है। गीता रबारी ने काफी गुजराती हिट एल्बम दिए है। गुजरात टूरिज्म में "एक झलक कच्छ की" कच्छ दर्शन, "दोस्तो आ गुजरात छे" एपिसोड भी किया है।
गीता रबारी ने "राघव डिजिटल" यूट्यूब  चेनल पर Rona Ser Ma, Eklo Rabari, Ma Tara Ashirvad,  Mahadev, Desi Dhol Vage जैसे हिट सांग दिए है। आप सभी यूट्यूब चैनल पर जाकर गीताबेन की सुरीली आवाज के गानों का भजनों का आनंद ले सकते है जिसका लिंक में नीचे दे रहा हूँ।
https://youtu.be/35mYQ8bqp1A

https://youtu.be/4ZUlHFEAHmI

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