1600 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल में गोमाता को करवाया भर्ती- देवासी
देवासी ने गौमाता को 1600 किलोमीटर दूर स्थित अस्तपताल में करवाया भर्ती
|
Cow Hospital Nagaur |
गोभक्त खिवाराम देवासी ने तेलगांना राज्य के मेडक जिले से अपनी घरेलू गाय की रीढ़ की हड्डी फैक्चर होने पर अपने निजी वाहन से 45000 रुपये खर्च कर 1600 किलोमीटर दूर स्थित विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर राजस्थान में भर्ती करवायी। जैसे ही विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के संस्थापक श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी कुशालगिरीजी महाराज को सूचना लगी तो उन्होंने तुरंत चिकित्सालय की टीम को हाई इलाज के लिए अलर्ट कर दिया। स्वामी जी के सानिध्य में डॉ. अशोक मील के नेतृत्व में अनुभवी टीम ने गोमाता का इलाज किया। डॉ. मील ने बताया कि गोमाता का समय पर ईलाज नही होने से ज्यादा दिन एक जगह बैठी रहने के कारण शरीर पर घाव हो गए है, जिसमें चावल के आकार के सफेद कीड़े पड़ गए है। डॉ. मील की टीम ने गोमाता के घावों पर मरहम पट्टी, दवाइयां, ग्लूकोज लगाकर इलाज शरू किया।
अपने निजी वाहन से 1600 किलोमीटर दूर स्थित गो चिकित्सालय में करवाया भर्ती
|
world level cow hospital nagaur |
इसी दौरान स्वामी जी ने अपने हाथों से गोमाता को पौष्ठिक आहार, सूखा व हरा चारा, आरो प्लांट का शुद्ध मीठा पानी पिलाकर अपने हाथों से गोमाता के चारो पैरों की मालिश कर, गोमाता को कृत्रिम मशीन से खड़ी कर राहत पहुँचायी। खिवाराम देवासी ने बताया कि उन्होंने आसपास के कई चिकित्सकों से गोमाता का इलाज करवाया परन्तु कोई राहत नहीं मिली तब वहां के डॉक्टरों ने गूगल पर सर्च कर ईलाज के लिए विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर की सलाह दी, तब में 45 हजार रुपये खर्च कर 1600 किलोमीटर की दूरी तय कर यहाँ लेकर आया।
कलयुग में ऐसी गोभक्ति कम ही देखने को मिलती है-महामडंलेश्वर
स्वामी जी ने बताया कि खिवाराम देवासी की गो भक्ति से देश के सभी पशुपालकों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि आज इस कलयुग में मनुष्य अपने माता- पिता के इलाज हेतु इतनी दूर अस्तपताल ले जाने से हिचकिचाते है, वहीं खिवाराम देवासी जैसे गोभक्त गोमाता को अपने माता-पिता समझकर 1600 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने निजी वाहन से नागौर रोड़ जोधपुर NH-62 पर स्थित विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय लेकर आये है, देवासी की गोभक्ति को नमन।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box.