ऊंटनी के बच्चे का पालन पोषण का ख़र्च वहन करेगी राजस्थान सरकार
अब जागी सरकार: रेगिस्तानी जहाज की घटती संख्या पर लगाम लगाने की योजना, राजस्थान के मूल निवासी ऊंटपालकों को मिलेगा योजना का लाभ
कानाराम गोयल@शिव/बाड़़मेर.
ऊंट
को राज्य पशु घोषित करने के बावजूद लगातार गिर रही ऊंटों की तादाद पर
लगाम लगाने तथा ऊंटों के संरक्षण, संवर्धन व प्रजनन को बढ़ावा देने के
उद्देश्य से सरकार पहली बार गांधी जयंती पर आगामी 2 अक्टूबर से 3135 लाख के
बजट वाली ऊष्ट्र विकास योजना शुरू करने जा रही है। जिसके तहत योजना अवधि
में पैदा होने वाले ऊंटनी के टोडियों का जन्म से लेकर 18 माह की आयु तक
पालन-पोषण खुद सरकार वहन करेगी। जिसका लाभ प्रदेश भर के सभी मूलनिवासी ऊंटपालकों को आगामी 4 वर्ष तक मिलने की उम्मीद है। कृषि, पशुपालन, डेयरी व
मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार व राज्य के पशुपालन विभाग की ओर से
राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत इस योजना को मंजूर किया गया है।
यूं मिलेगा लाभ
-
आगामी 2 अक्टूबर से 4 वर्ष तक के लिए पशुपालन विभाग में पंजीकृत ऊंटनी के
नए जन्म लेने वाले टोडिये के जन्म पर पहली किश्त के रूप में 3 हजार, 9 माह
की आयु पर दूसरी किश्त के रूप में 3 हजार तथा 18 माह की आयु पर 4 हजार
रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस प्रकार तीन किश्तों में
एक टोडिये के लिए कुल 10 हजार की राशि ऊंटपालक के भामाशाह बचत खाते के
माध्यम से निकटतम पशु चिकित्सालयों के दो पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम
की ओर से टोडिये का भौतिक सत्यापन करने के बाद पशुपालन विभाग के जिला
कार्यालय की ओर से जमा करवाए जाने का प्रावधान किया गया है।
- ऊंटनी के प्रसव के 1 माह के भीतर नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क कर योजना के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।
यह भी मिलेगा फायदा
- योजना के तहत पंजीकृत ऊंटों का विभाग की ओर से चलाई जा रही भामाशाह पशु बीमा योजना के अंतर्गत बीमा भी किया जाएगा।
- पशुधन आरोग्य नि:शुल्क दवा योजना के तहत ऐसे ऊंटों के लिए खनिज लवण, कृमिनाशक व अन्य औषधियों का भी प्रावधान रहेगा।
- योजना के तहत लाभान्वित होने वाले ऊंटपालकों को सरकार की ओर से उन्नत ऊंटपालन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पहचान के लिए लगेंगे टैग
योजना
के तहत लाभान्वित होने वाली ऊंटनियों व टोडियों के कान में विभाग की ओर
से पहचान के लिए टैग लगा दिया जाएगा। साथ ही संबधित ऊंटपालक को ऊंटनी व
टोडिये के बेचान पर विभाग को सूचित करने के लिए पाबंद किया जाएगा। ताकि एक
बार योजना से लाभान्वित ऊंट का पता चल सके।
-'राज्य
पशु ऊंट की घटती संख्या के मद्देनजर सरकार ने आगामी 2 अक्टूबर से
आरकेवीवाई के तहत ऊष्ट्र विकास योजना लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
योजना की सफल क्रियान्विति के लिए जिले के समस्त पशु चिकित्सालयों के
प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
-डॉ बी आर जैदिया, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बाड़मेर
प्रदेश में यूं घटे ऊंट
2007 में थे 421836
2012 में रह गए 325713
96123 कम हो गए
23 फीसदी की आई कमी
(2007 और 2012 की पशुगणना के आंकड़ों के अनुसार )
---
- 3135 लाख की ऊष्ट्र विकास योजना से ऊटपालकों को मिलेगा आर्थिक सम्बल
- 04 वर्ष के लिए बनाई योजना
- 02 अक्टूबर से प्रदेश भर में होगी लागू
- 18 माह की आयु तक टोडियों का पालन-पोषण वहन करेगी सरकार
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box.